Dr. Prabhat Kumar Pravin 09-Jul, 2021 | 14
सैनिक की लाईफ
सैनिक की होती है, ऐसे ही लाइफ
ना सामाजिक ज़िंदगी, जी पाते
ना जीवन भर सैनिक ,रह पाते
जवानी ढलते ही, हो जाते रिटायर्ड
नाते रिश्ते ,टूट जाते
बचपन का दोस्त,रूठ जाते
दारू के बहाने
एक -दो दोस्त रह जाते ,साथ
मेडलो की नहीं रही ,कीमत
ट्रक से ट्रेन तक खाता ,धक्का
सैनिक, गुमनाम जिंदगी है जीता
हर पल ,अपमान का घूंट पीता
सैनिक प्राण का बाजी लगाकर
सीमा का रक्षा करते ,दिन-रात
मिला हुआ वेतन से ही
टैक्स कटकर हो, जाता हाफ
सैनिक की होती है , ऐसी लाइफ
गम को छुपाकर, हरदम मुस्कुराना
भारत मां के आह्वान पर
अपना प्राण निछावर कर देना
सेना में, टैंक और जहाज को
करता मिनटों में तैयार
सैनिक की होती है , ऐसी लाइफ
रिटायर होते ही,बनते चौकीदार
सैनिक नहीं बन पाते ,सबलोग
थोड़ी सी भक्ति हो , दिल में
जय हिंद बोलकर, करो सलाम
जहां कहीं मिले ,यह सैनिक लोग
डॉ प्रभात कुमार प्रवीण