Dr. Prabhat Kumar Pravin 26-Jul, 2021 | 14
सकारात्मक सोच का परिणाम
हम लोग जानते हैं कि जीवन अनमोल है तथा इसका विकास व्यक्ति स्वयं करता है ।प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को सफल बनाने के लिए प्रयत्न करता है ।सामाजिक आधार पर व्यक्ति को जिन चीजों की आवश्यकता होती है। वह रोटी, कपड़ा और मकान। जब प्राकृतिक आधार पर स्वस्थ शरीर जिमों में कसरत करने या अखाड़े में पहलवानी करने से प्राप्त नहीं होता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क होता है । जो सोचने का कार्य करता है। जो व्यक्ति सकारात्मक सोचते हैं तथा उस पर अमल करते हैं। वह पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं लेकिन यह सिद्ध करना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है कि कौन सा व्यक्ति सकारात्मक सोचता है एवं कौन सा नकारात्मक।
इन दोनों के मध्य एक पतली रेखा है जिसको ज्ञात करना आसान नहीं है। सकारात्मक सोच और नकरात्मक सोच पर लाखों शोध हो चुके हैं तथा वर्तमान में भी इस विषय पर शोध जारी है।
जर्मनी के डॉक्टर रिचर्ड संक्यूल गेल ने सकारात्मक सोच पता करने के लिए एक प्रयोग किया था
उन्होंने सर्वप्रथम 300 लोगों का चुनाव किया था तथा उसको एक टीम का रूप दिया। सभी लोगों को एक प्रयोगशाला में बैठाया गया तथा उस प्रयोगशाला में सर्दी - जुकाम पैदा करने वाले राईनों वाइरस की फुहार छोड़ी दो दिनों बाद सभी लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो उसका परिणाम चौंकाने वाला आया। जिन लोगों के पास सकारात्मक विचार था उन पर वायरस का प्रभाव नहीं पड़ा। यदि कुछ व्यक्ति पर पड़ा भी तो वह नगण्य था। जबकि नकरात्मक सोच वाले व्यक्ति पूर्ण रूप से सर्दी जुकाम से जकड़ गए
यह सत्य है कि आपके पास सकारात्मक सोच है आपके बाधित करने वाले त्तत्व स्वतःसमाप्त हो जाते हैं या उसका असर आप पर नहीं पड़ता है, इसलिए आज से ही साकारात्मक बातें शुरू कर दें तथा उस पर अमल करना आरंभ कर दे तो सफलता स्वयं आपके चरण करने लगेगी। सकारात्मक सोच को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए एक अच्छी बातें नोट करें, जिसको पढ़ कर आपको स्वयं अंदर से एक प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त होंगी।
डा. प्रभात कुमार प्रवीण