Dr. Prabhat Kumar Pravin 06-Dec, 2021 | 14
शिक्षा निवेश में भारत अनुभवहीन
शिक्षा निवेश में भारत अनुभवहीन
वर्तमान समय मैं निवेश करना, एक आम बात है। भारत के अधिकांश मध्यवर्गीय जो अपने खून पसीने की कमाई को रिस्क भरे क्षेत्र मैं कभी निवेश नहीं करता है। वो अपने धन को सोच विचारकर निवेश करता है। अधिकांश लोग निवेश सुरक्षित क्षेत्र जमीन खरीदना, सोना खरीदना,बॉन्ड खरीदना आदि है। लेकिन मैं आज ऐसे निवेश की बात कर रहा हूँ जहा दुनिया के सभी परिवार के लोग इस में निवेश करते है तथा उसके आउटपुट की कोई गारंटी नहीं है। पूरे विश्व मैं शिक्षा प्रणाली (Education System) अलग-अलग है। प्राइमरी शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अच्छा शिक्षा प्रणाली “जर्मनी” की है। भारत में शिक्षा प्रणाली का आधार मैकाले के शिक्षा प्रणाली पर पूर्ण रूप से निरभर है। इस शिक्षा प्रणाली से मात्र कोवर्ट तथा नौकरशाह का जन्म होता है।
शिक्षा के क्षेत्र में हर भारतीय परिवार अपने क्षमता के अनुसार निवेश करता है तथा अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे विद्यालय में पढ़ाना चाहते हैं तथा अपने बच्चों को सफलता दिलाने का प्रयास करते हैं।
एक सर्वे के अनुसार
1.प्रत्येक भारतीय परिवार शिक्षा में निवेश अपने बच्चों की पढ़ाई में करता है तथा 40% निवेश प्राइमरी सेकेंडरी में करता है।
2.हाइअर स्टडी के लिए मात्र 20% निवेश करता है।
3.अधिकांश मध्यवर्गीय परिवार अधिकांश निवेश secondary study तक खर्च कर देता है जिसके कारण हाइअर एजुकेशन के लिए उनके पास धन नहीं बचता है।
4.अच्छी तरह निवेश नहीं करने के कारण असंतुलन हो जाता है। जिसके कारण मध्यवर्गीय परिवार उस शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाता।
5.मध्यवर्गीय परिवार को शिक्षा में निवेश कोई अधिक अनुभव नहीं होता है जिसके कारण भारत के शिक्षा क्षेत्र कॉलेज,यूनिवर्सिटी आदि अच्छे ढंग से फल फूल रहे हैं।
समाज का कोई भी वर्ग हो अपने बच्चों के माध्यम से जो शिक्षा में निवेश करते हैं। उसको संतुलन बनाने के जरूरत है तथा अपने जीवन की कमाई को सही तरीके से निवेश करने की जरूरत है।निवेश करने के कुछ सही तरीके हैं-
बच्चों को प्ले स्कूल में पढ़ने के लिए ज्यादा गंभीर होने की जरूरत नहीं है तथा वहाँ पर अधिक निवेश करने की आवश्यकता नहीं है अपने आस पास के स्कूल में बच्चों की एडमिशन कराये।
जब आपका बच्चा, एक अच्छा स्कूल में पढ़ता है तब इस स् थिति में अतिरिक्त ट्यूशन देने की जोखिम नहीं ले।
शहर के मंहगे स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने कर लक्ष्य न रखें, बल्कि आपका लक्ष्य अपने बच्चों को अच्छा शिक्षा देने का लक्ष्य रखें।
अपना निवेश 10+2 परीक्षा तक संतुलित रखें था उस शिक्षा के लिए अपना धन सुरक्षित रखें तथा उच्च शिक्षा में कटौती न करें क्योंकि उस शिक्षक ही बच्चों के करियर का निर्माण करता है।
उच्च शिक्षा में निवेश के लिए पहले से ही प्लानिंग बनाएं।
उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशनल लोन मार्केट में आसानी से उपलब्ध है, लेकिन यह आपके बच्चो का फ्यूचर सिक्योर नहीं करता बल्कि माँ एवं पिता और बच्चो के मध्य दूरियां उत्पन्न करता है।
भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रकार का दिखावा है तथा जाल तंत्र फैला हुआ है जिसमें अधिकांश परिवार फंस जाता है। इससे बचने की आवश्यकता है।
उच्च शिक्षा को खरीदने की कोशीश नहीं करें बल्कि अपने बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा देने का प्रयास करें।
डा. प्रभात कुमार प्रवीण
Educational coach
www.prabhatkumarpravin.com