सफलता किसी की मोहताज नहीं होती है। जीवन में कितने भी समस्याएं आ जाए लेकिन यदि आप सही प्लानिंग एवं सही मेंटर के अंतर कार्य करते हैं सफलता जरुर प्राप्त होती है।
यदि असफल लोगों के समस्याओं की बात करें तो उनमें से प्रमुख है
1. धन का अभाव
2. मार्गदर्शन की कमी
3. शिक्षक की कमी
4. जुगाड़ की कमी
5. जानकारी का भाव
अधिकांश लोग अपने जीवन में इन्हीं समस्याओं के कारण सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं और इसका दोषारोपण अन्य लोगों पर तथा अन्य संस्थाएं पर करते हैं लेकिन कभी भी वह अपने कमियों, मेहनत आदि पर दोषारोपण नहीं करते हैं। कुछ लोग अपनी आयु, अपनी सीमा एवम् अपनी दुर्बलता आदि को मुख्य कारण मानते हैं।
आज एक ऐसे इंसान की कहानी बता रहा हूं जिसमें उसने एक ऐसी सफलता प्राप्त की है जिसको प्राप्त करने के लिए आरंभिक समय में ही लोग जी तोड़ और मेहनत करते हैं, महंगी से महंगी कोचिंग कॉलेज आदि में पढ़ाई करते हैं तथा वह घर पर भी 10 से 12 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करता है लेकिन सफलता कुछ सामान्य लोगों को ही मिल पाती है तथा अधिकांश छात्र और असफल हो जाते हैं। जी हां आपने सही सोचा है नीट एग्जामिनेशन के बारे में बतला रहा हूं जिसके द्वारा भारत के सभी डॉक्टर बनते हैं यह एग्जाम प्रतिवर्ष आयोजित होती है तथा अच्छे अंक लाने वाले लोग डॉक्टरी की पढ़ाई एमबीबीएस करते हैं।
उड़ीसा के एक ऐसा ही इंसान है जो 64 साल के उम्र में नीट एग्जाम को पास किया तथा वह एमबीबीएस में दाखिला लिया है आप यह सोच कर हैरान हो रहे होंगे इतनी अधिक उम्र में नीट में कैसे एक्जाम दे सकता है लेकिन 2018 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार डॉक्टर बनने की आयु सीमा जो निर्धारित किया गया था वह समाप्त कर दिया गया है तथा अब भारत में कोई व्यक्ति किसी भी उम्र में डॉक्टर बन सकता है। इसी नियम की अनुकूलता के कारण वह नेट परीक्षा में शामिल हो सका तथा उत्तीर्ण होकर एमबीबीएस की पढ़ाई करना आरंभ कर दिया
मैं उड़ीसा के जय किशोर प्रधान की बात कर रहा हूं। इसने 1970 के दशक में मेडिकल एंट्रेंस एग्जामिनेशन का परीक्षा में शामिल हुआ लेकिन कई कारणों के कारण वह उत्तीर्ण नहीं हो पाया तथा बीएससी एग्जामिनेशन पास करके टीचर की नौकरी करने लगा उसके पश्चात उसने एसबीआई बैंक में क्लर्क की नौकरी किया तथा 2018 में डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर्ड हुआ उसके पश्चात वह पुनः मेडिकल की तैयारी करने का प्लान किया।
इस आयु में अधिकांश लोग रिटायरमेंट के बाद
आराम करने के बारे में सोचते हैं लेकिन जय किशोर मेडिकल परीक्षा पास करने के बारे में सोचता है लेकिन या इतना आसान नहीं था। अपनी बेटियों तथा पत्नी के मोटिवेशन के कारण वह मेडिकल की तैयारी करता है तथा नीट एग्जामिनेशन पास कर जाता है। 64 साल की आयु में उड़ीसा के मुख्य मेडिकल कॉलेज वीर सुरेंद्र साईं इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च में दाखिला लेता है तथा लगभग 70 वर्ष की आयु में वह पूरी मेडिकल की पढ़ाई खत्म करेगा तथा वह एक भारत का सबसे ज्यादा उम्र में डॉक्टर बनने का एक रिकॉर्ड कायम करेगा।
यदि आप में भी किसी भी एग्जाम की तैयारी करने का जज्बा हो तथा आपके सामने हजारों बाधाएं हो अनगिनत समस्याएं हो लेकिन यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आप एक बार में सफलता प्राप्त कर सकते हैं बस आपको निरंतर सही दिशा में सही मेंटर के अंतर्गत मेहनत करने की जरूरत है और आप भी जय किशोर प्रधान की तरह एक कामयाबी का झंडा लहरा सकते है।
डॉ प्रभात कुमार प्रवीण
एजुकेशनल कोच